WFI SUSPENDED- सेंट्रल खेल मंत्रालय ने रविवार को भारतीय कुश्ती महासंघ WFI संस्था की मान्यता रद्द कर दी है, रद्द करने के बाद पहलवान साक्षी मलिक ने कहा है कि खेल मंत्रालय की इस फ़ैसले से बेहद ख़ुश है उन्होंने यह भी कहा है कि उनकी लड़ाई किसी सरकार से नहीं थी बल्कि उनकी लड़ाई एक भी विशेष व्यक्ति सी थी । उन्होंने बताया की उनको यह न्यूज़ मीडिया से प्राप्त हुई है , की WFI को सस्पेंड कर दिए गया है , साक्षी मलिक ने कहा उनकी लड़ाई सिर्फ़ महिलाओं के लिए थी ,BJP सांसद ब्रिज भूषण के करीबी संजय सिंह को WFI का अध्यक्ष बनते ही उन्होंने संन्यास लेने की घोषणा कर दी थी मीडिया द्वारा पूछे गए हैं साक्षी मलिक से संन्यास वापस लेने के सवाल पर है उन्हें सिर्फ़ डब्लू नहीं सिर्फ़ डब्लू F आयी मुख्य के निम्न निलंबन पा रही बात की है उन्होंने बताया कि महिलाओ की भलाई के लिए यह बहुत ही बेहद ज़रूरी था.
WFI क्यों निलंबन हुआ –
PTI की रिपोर्ट के मुताबिक़ खेल मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि WFI को इसलिए रद्द किया है पर्याप्त नोटिस दिए बिना अंडर 15 और अंडर 20 नेशनल प्रतियोगिता की घोषणा की थी , मुख्य अधिकारियों ने बताया WFI संविधान का पालन नहीं करता है, उन्होंने कहा हमने इसे परमानेंटली बंद नहीं किआ है सिर्फ़ निलंबन किया है। WFI के नव निर्वाचित अध्यक्ष संजय कुमार सिंह BJP सांसद बृजभूषण के क़रीबी थे उसके अध्यक्ष बनती साक्षी मलिक दिनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने प्रेस कॉन्फ़्रेन्स किया था जिसमें साक्षी मलिक ने रोती हुई मेज पर अपनी जूते रखकर कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा की थी .
WFI-कौन है बजरंग पूनिया
बजरंग पूनिया एक भारतीय पहलवान है जो कि भारत के लिए बहुत से मेडल जीतकर ला चुके हैं, उन्होंने दो दिन पहले ही पद्मश्री अवार्ड प्रधानमंत्री आवास पर जाकर उन्हें वापस करने की कोशिश की लेकिन प्रधानमंत्री जी से मिलने की अनुमति न होने के कारण रोड पर ही पद्मश्री है यवार्ड को त्याग कर चले गए थे , WFI के सस्पेंशन के बाद ही बजरंग पूनिया ने कहा है कि वह यह पुरस्कार तब तक वापस नहीं लेंगे जब तक उनको न्याय नहीं मिल जाता , न्याय मिलने के बाद वह इस बारे में सोचेंगे .
उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी अवार्ड हमारी बहन बेटियों के सम्मान से बड़ा नहीं होता है ,हमें सबसे पहले न्याय मिलना चाहिए बजरंग पूनिया ने बृजभूषण सिंह की क़रीबी संजय सिंह की भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पद पर चुने जाने के विरोध में अपना पद्मश्री अवार्ड लौट आया था।